SILENT TEARS
by Heather Loughton
A thunderous silence
breaks through my thoughts.
What was once many great ideas
is now a triumph, lost.
Baffling words tumble through my mind.
Reflections of darkness hover.
A disturbing peacefulness beckons to me,
and inside myself, I take cover.
What would it be like to stay there forever?
To be lost in all my cares?
From the inside, looking out -
I cry silent tears
Monday, December 7, 2009
शीशे से बनी एक लड़की!!
Why did i fail to understand these lyrics in life ?? Ignorance....,may be!!(शीशे से बनी एक लड़की
पत्थर के नगर में आई) - २
वोह ढून्ढ रही थी मोटी
और पत्थर से टकराई
शीशे से बनी एक लड़की
पत्थर के नगर में आई
(शीशे से बनी यह लड़की
इस बात से है अनजानी) - २
जब रेत चमकती है तो
लगती है दूर से पानी
यह फूल है सब कागज़ के
लेकिन वोह समझ न पायी
शीशे से बनी एक लड़की
पत्थर के नगर में आई
वोह ढून्ढ रही थी मोटी
और पत्थर से टकराई
(शीशे से बनी लड़की से
कह दो के न बाद में रोना) - २
कुछ लोग हैं जो पीतल के
कहते है वोह ख़ुद को सोना
(यह झूट का पुल टूटेगा
और गहरी है ग़म की खायी) - २
शीशे से बनी एक लड़की
पत्थर के नगर में आई
वोह ढून्ढ रही थी मोटी
और पत्थर से टकराई.....................
Friday, December 4, 2009
बेवफा हसरतें!
हसरतों से हो जाती थी मुलाकात कभी-कभी ख़्वाबों में,
पर अब तो कमबख्त नींद भी नहीं आती इन आखों में.............
पर अब तो कमबख्त नींद भी नहीं आती इन आखों में.............
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