for myself!!!!!!!!!
Tuesday, March 24, 2009
ek khyaal, bas yun hi............
**नहीं ज़रूरत है ज़माने तेरी नश्तर सी चुभती बातों की ,
मेरे आंसुओं सैलाब ही काफ़ी है ,मुझे डुबोने के लिए ....................
***नाज़ था जिस शफाक दामन पर हमें उम्र भर,
बेदर्द ज़माने ने उसे ही हमारा कफ़न बना दिया...............
1 comment:
Pal
said...
awesome@ kafan bana diya
March 31, 2009 at 11:46 PM
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awesome@ kafan bana diya
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