ये दिन क्या आए लगे फूल हंसने देखो बसंती
बसंती.....................उफ़्फ़ खुश होने के लिए भी दिल को बस
एक छोटा सा बहाना चाहिए , आज ऐसा लगता है की हाथ फैला
कर आसमान को छु लूँ , पंख फैला कर एक नई उड़ान भर लूँ । इस दिल को और क्या चाहिए , थोडी सी ज़मीन -थोड़ा
आसमान , आज वो सब कुछ पा लिया है मैंने, पांव ज़मीन पर रुक नहीं पा रहे हैं , कैसे बयान करूं अपनी खुशी लफ्जों में, सही अल्फाज़ मिलते ही नहीं । सिर्फ़ इतना कह सकती हूँ, मैं खुश हूँ ,बहुत खुश हूँ , बहुत-बहुत खुश हूँ.......उफ्फ्फ .
6 comments:
Bahut pyara...padke hee I m feeling happy happy :)
chalo kisi kaam to aayi meri kalam......shukriya richaji.
yeh richaji kya hai nidhiji...hum to dost hain to phir bas naam leke pukara karen :)
sorry richa..BTW, thanx for following my blog.
nids your hindi is as expressive as your english........and so good!
Thanx janet.........appreciation from a teacher, sumthing i've craved for life long. thanx again.
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