* ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए है
फिर भी आंखों में चेहरा तुम्हारा समाये हुए है...
किताबों पे धुल जमने से कहानी कहाँ बदलती है ।
फिर भी आंखों में चेहरा तुम्हारा समाये हुए है...
किताबों पे धुल जमने से कहानी कहाँ बदलती है ।
*एक-एक याद उठाओ और पलकों से पोंछ केर वापिस रख दो,
अश्क नहीं ये आँख में रखे कीमती-२ शीशे हें
ताक़ से गिर के कीमती चीज़ें अक्सर टूट भी जाया करती हैं .
*मुझे आज कोई और रंग न लगाओ,
पुराना लाल रंग एक आज भी ताज़ा है
अरमानों का खून हुए ज्यादा दिन नहीं हुए हें.
How can a men be so sensitive, his writings enthuses his keen observation, his words give meaning to every inexplicable feeling, he gives vision to battered hearts, no wonder he is a legend.....!
1 comment:
KEHTE HAIN SACCHE DIL SE MAANGI HUYI HAR DUA KABOOL HO JATI HAI,
PAR YE DIL TAB KYA KARE JAB UNHE MAANGNE KI IJAAZAT HI NA HO...
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